नयन

नयन

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 Apr, 2022 | 0 mins read

ये छलकते नयन अक्सर दगा कर जाते हैं,

मेरे दर्द को अक्सर जमाने को बताते हैं।


मुस्कान जो सजा रखा है पर्दे बनाकर ,

उन पर्दों को हटा कर चुगली कर जाते हैं।


छलकते नयन बोझ हल्का करते हैं दिल का,

दर्द सारे ही नयनों के रास्ते बह जाते हैं।


उदासी जो छिपी हुई है मेरे मन में सदा,

छलकते नयन उनको सदा सामने लाते हैं।


कमजोरी समझ ले न कोई इन आँसूओं को,

छलकते नयन ये मौका सदा दे जाते हैं।


छलकते नयन नही कमजोरी होते कभी,

ये हमें भीतर से सदा मजबूत बनाते हैं।


अपनेपन का भाव जब कभी गहरा हो,

ये छलकते नयन खुशी में भी छलक जाते हैं।

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Ruchika Rai

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