वक्त

वक़्त

Originally published in hi
Reactions 1
306
Ruchika Rai
Ruchika Rai 24 Sep, 2021 | 1 min read

वक़्त के इशारे पर सदा ही चलते रहे हम,

वक़्त की मर्जी बिना कहाँ कुछ कहे हम।


कितने अरमानों का गला घोंटा था हमने,

वक़्त के हर जुल्म को चुपचाप सहे हम।


मुसीबत अनेकों बार आई हम पर यूँही,

टूटे मकान की तरह दर्द सहकर ढहे हम।


जरा सी आँच प्यार की जो मिली हमको,

आकर आवेश में भावनाओं के बहे हम।


काँटों के बीच तमाम उम्र बिताया हमने,

फूलों की तरह सुंदर बन सदा महके हम।


अनेकों लुभावने जाल मिले मंजिल पर,

 वक़्त के चाल को सदा समझते हम।


दिल की कशिश को नही समझते कभी,

इस तरह सदा ही यूँ नही बहके हम।

1 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.