बाल कविता

बाल कविता

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Nov, 2021 | 0 mins read

आओ बच्चों तुम्हें बताऊँ,

कहानी हिंदुस्तान की।

अनेक बोली ,अनेक भाषा

इसकी पहचान की।


तीन रंग का ध्वज हमारा,

तिरंगा है कहलाये।

चक्र बीच में अनवरत

चलना हमको है सिखलाये।


कलकल बहती नदियाँ कहती,

आगे बढ़ते जाना।

मुश्किलों से टकराकर सदा

अपनी राह बनना।


सूरज कहता है हमको,

अँधेरों से सदा लड़ना है।

दिन भर श्रम करके सदा

हमें आगे बढ़ना है।


पेड़ों से मिलता फल सदा,

हमको ये सिखलाता है।

काम आए दूसरों के वही

जीवन सफल बन पाता है।


अँधियारे में जुगनू आकर

यह संदेश दे जाता है।

अपने शक्ति भर काम आने से

जीवन सार्थक बन पाता है।


हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,

एक ही धरती की संतान है।

इनके रगों में बहता लाल रंग ,

इंसान की पहचान है।

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