अग्नि के सात फेरे लेकर ,सात वचन और सात कसमें खाई,
माँग में सिंदूर सजाकर वैदिक मंत्रोच्चार भी है करवाई,
देवी, देवता और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया था दोनों ने मिलकर,
गले में काले मोतियों की मंगलसूत्र और पैरों में बिछुआ है पहनाई।
प्रेम और विश्वास का आधार बनाकर दोनों ने साथ मिल चलने का वादा किया,
दो कुलों ,दो परिवारों ,दो संस्कारों,दो क्षेत्रों के संबंधों को जोड़ने का इरादा किया,
सहयोग समर्पण समझौता सामंजस्य बिठाकर दोनों ने साथ चलने की बात कहीं,
फिर अचानक से दोनों की बढ़ती खाई ने दोनों के बीच प्यार को आधा किया।
अहम की दीवारें आपस में हैं बड़ी मजबूती से टकराई,
दोनों के बीच के रिश्ते ने झट से ही मुँह की बुरी तरह खाई,
आरोपों प्रत्यारोपों का है दौर चला इतनी गंदी तरह से,
अंतरात्मा को चोट लगी और रिश्तों में अपनापन नही देने लगा दिखाई।
स्वतंत्रता और समानता की झूठी लड़ाई में जिम्मेदारियों का भान न रहा,
जिस रिश्ते पर था गर्व उसपर तनिक भी मन में
अभिमान न रहा,
बोझ सरीखे रिश्ते लगने लगे और मन में एक तनाव उभर आया,
खुद ही अपने कर्मों पर मन में तनिक भी अभिमान न रहा।
इससे पहले जीवन बोझ लगने लगे तलाक का निर्णय लिया,
विकास की अंधी दौड़ में रिश्ते के प्रति कोई लगाव न बचा,
कथित आधुनिकता वादी लोगों ने ऐसे वक़्त में लड़की लड़के की इज्जत न देखा
दिखावा और फैशन की बढ़ती लत ने तलाक के निर्णय को लेने मे मदद किया।
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