दवा और दुआ

दवा और दुआ

Originally published in hi
❤️ 1
💬 0
👁 636
Ruchika Rai
Ruchika Rai 17 Mar, 2021 | 1 min read

दैनिक कार्य

दवा और दुआ



कभी दवा से ज्यादा दुआ असर कर जाती है,

जिंदगी में वह जिंदगी की राह बता जाती है।


जब कभी दर्द असहनीय होकर रुलाने लगे,

उस समय दुआ खूबसूरत रंग दिखाती है।


उम्मीदें थकने लगें दवा जब नाकाफी लगे,

जादुई करिश्में से दुआ चकित कर जाती है।


दर्द में दवा और दुआ दोनों ही जरूरी लगें,

न जाने कौन खुशियों के फूल खिलाती है।


अपने कर्मों का कुछ हिसाब ऐसा रखो,

हर जुबान पर तेरे लिए दुआ चढ़ जाती है।


ईश्वर से सदा ही प्रार्थना किया है मैंने,

हर लफ्ज़ दूसरों की दुआ बन जाती है।


सलामत रहे सदा ही दवा और दुआओं से,

यही प्रार्थना मेरे जुबान पर सदा आती है

1 likes

Support Ruchika Rai

Please login to support the author.

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.