पुनर्मिलन

स्कूल के साथियों का पुनर्मिलन

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 11 Jun, 2023 | 1 min read

वर्षों बाद हुआ था बचपन के साथियों का पुनर्मिलन,

वही साथी जिनके साथ एक गहरा नाता रहा,

अमीरी गरीबी से परे होकर,

जाति-पाँति से दूर रहकर,

ऊंच नीच का फर्क भूलाकर,

लिंग का भी अंतर नही था,

बस ह्र्दय की भावनाओं को समझ एहसासों से जुड़कर।


उम्र के इस पायदान पर सब जिम्मेदारियों से बंधे थे,

सभी अपने व्यस्ततम दिनचर्या में उलझे थे,

बालों की सफेदी अनुभवों की कहानी कह रही थी,

चेहरे की झुर्रियों में तजुर्बे झलक रहे थे,

किसी के चेहरे पर पद का लालित्य चमक रहा था,

कोई रोटी दाल के जुगाड़ में उलझा उलझा लग रहा था।

किसी के तोंद पर जमी चर्बी जिंदगी के उलझनों को बयां कर रही थी।


पुनर्मिलन की इस बेला में सभी एक दूसरे संग मिलने को आतुर थे,

मिटा कर हर फासले बस इन पलों को जीना चाहते थे,

बचपन के दिनों को याद कर खुश होना चाहते थे,

तस्वीरों में जिंदगी को कैद कर जीना चाहते थे।

और कुछ इस तरह रीयूनियन को यादगार बना कर 

अपने यादों में सहेजना और संवारना चाहते थे।



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Ruchika Rai

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