सावन

सावन

Originally published in hi
Reactions 0
263
Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 Jul, 2022 | 0 mins read

सखी री,सावन मनभावन आयो,

काले काले बादल नभ में,

गरज तड़प करते नित हैं,

पुरवा के झोंको से जैसे ,

मन मेरा झूम झूम हरषायो।

सखी री,सावन मनभावन आयो।


हर तरफ देखो हरियाली छाई,

बैरन मौसम जी में अगन लगाई,

पिया के याद में देखो सजनी,

तड़प तड़प रह जायो,

सखी री,सावन मनभावन आयो।


रिमझिम रिमझिम पड़ती फुहार है,

हरी चूड़ियों का क़रतीं शृंगार है,

शिव की पूजा करती कुंवारियां

शिव सा पति माँगने को तैयार हैं

शिव पार्वती सा युगल संबंध रहे,

ऐसा ही वर पायो,

सखी री,सावन मनभावन आओ।


बागों में झूला देखो हैं डाले,

झूले के ऊँचे पेंग से देखो

मन हो गए हैं सखी मतवाले।

धरती भी हरी भरी सी लगती हैं

अवनि का हरियाली शृंगार है।

यह अद्भुत छटा मन को लुभायो।

सखी री,सावन मनभावन आयो।

0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.