जय श्री राम

मेरे आराध्य राम

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 23 Jan, 2024 | 1 min read

राम ही आरम्भ हैं राम ही तो अंत है,

राम की महिमा सकल जगत 

आदि है अनन्त है।


राम से आदर्श है राम से एहसास है

राम ही माया जगत में

राम पर ही विश्वास है।

राम नीति में राम नियति में

राम ही तारणहार हैं।


राम ही शुभ अशुभ ,राम ही विश्वास है

राम से है हानि लाभ

राम जगत आधार हैं।


राम ही मर्यादा के रक्षक राम से ही आस है

राम ही इस धरा पर

आस्था का दूसरा नाम है

राम ही दुष्टों के संहारक राम ही पालनहार हैं।

राम ही करते सदा उद्धार हैं।





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