फागुन मास आयो रे

प्रेम के रंग होली के संग

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 Mar, 2022 | 1 min read

प्रेम के रंग लिए फागुन आयो रे,

फागुन आयो हर मन हर्षायो रे,

ढोलक के थाप पर नाचे मनवा,

फागुन के सुरीले गीत सुनायो रे।


भर भर पिचकारी रंग सब डाले,

बजे मंजीरा नाचते हैं मतवाले,

लगे रंग में रंगने एक दूजे को हैं,

ऐसे ही बने हुए हैं सब दिलवाले।


बैर भाव की चलो होली जलाएं,

दिल के चलो सारे भेद मिटाएं,

ऊँच नीच की दीवार तोड़कर चलो,

एक दूजे को है सब रंग लगाएं।


प्रेम के रंग में रंगने को आकुल,

मिलन की चाह में जियरा व्याकुल,

फागुन की मदमस्त हवाओं में

खुशबू बिखेर रहा है हर एक फूल।


बृज की होली याद दिलाने

अंग अंग में प्रेम रंग लगाने

उड़े अबीरा मस्त हवाओं में

उदास दिल को फुरसत से मनाने।


रंग भरा फागुन आयो रे,

दिल के सारे भेद मिटायो रे।


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Ruchika Rai

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