गजल

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 07 Apr, 2022 | 1 min read

क्या करना है जिक्र पुरानी बातों का,

दिल को चोट देती उन हालातों का।


चर्चा नही करना हमें मन के भावों को,

आँसू लाती हैं सदा उन जज्बातों का।


धोखे में रखा था उस शख्स ने सदा,

कैसे याद करें बात उन मुलाकातों का।


तमाशा बना दिया जिसने महफिल में,

क्या चर्चा करनी कभी उसके साथों का।


मेरे दिल में कोई भी यादें सुनहरी नही,

क्यों बयां करें दर्द खामोश रातों का।


देखना चाहते जो तमाशा देख लें मेरा,

अब नही फर्क पड़ता किसी घातों का।


अब अपना सहारा खुद ही बनना मुझे,

छोड़ दिया आस उन झूठे मीठे वादों का।


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Ruchika Rai

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