तस्वीर

फोटोग्राफी डे विशेष

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 20 Aug, 2021 | 1 min read

एक तस्वीर जो गवाह बनी

मेरे अतीत की।

दिलाया एहसास जिसने मुझे 

मेरे जीवंत चित्र का।

तस्वीर कभी दर्द की बनी वजह,

और कारण कभी मुस्कान की।

अतीत को वर्तमान से  

भविष्य के लिए पथप्रदर्शक बनी।

एक तस्वीर जो गवाह बनी,

मेरे हर पल की।

जिनमें ख़ुशियाँ थी,

आँसू थे।

टूटने की पीड़ा थी।

खुद को स्थापित करने की जद्दोजहद भी।

एक तस्वीर जिसने दिखाया

जीवनपर्यंत साथ निभाने वाले उन अपनों को।

जो सुख दुख में ढाल बनकर खड़े रहे।

एक तस्वीर जो गवाह बनी,

उन सभी रीति रिवाजों की 

मर्यादा और संस्कार की।

आज विश्व फोटोग्राफी दिवस पर,

चाहती हूँ खींचना मुस्कान के पीछे के दर्द को।

चेहरे के मेकअप के पीछे छिपी चिंता की रेखाओं को।

ह्रदय की पीड़ा को

मन की उलझन को।

सूनी आँखों को,बेचैनी को

ताकि खुशियाँ समेट सकूँ।

उसको लुटा सकूँ

भावनाओं का सम्बल बन,

मजबूती सदा ला सकूँ,

बस चाहती हूं तस्वीर एक खींचना ।

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