हौसलों की उड़ान

हौसलों की उड़ान

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 09 Apr, 2021 | 1 min read



सब्र सहनशीलता का चोला पहन,

हिम्मत से कदम आगे बढाया।

मुश्किलों में भी डटे रहकर

जिंदगी से जंग लड़ने का हुनर आजमाया,

हौसलों की उड़ान ऊँची भर

खुद के अस्तित्व को सार्थक बनाया।

जिंदगी में जिंदगी हो 

यही हुनर हमने है आजमाया।


टूट कर बिखरे नही कभी,

खुद को संभाला

खुद से ही वादा निभाया

हार नही मानूँगी कभी

रार नही ठानूँगी कभी,

यही सीख हमने आजमाया,

हौसलों की उड़ान भर

अपने अस्तित्व को सदा पहचान दिलाया।


हर चोट ने एक नया सबक दिया मुझे,

हर बार तपकर कुंदन सरीखा बनूँ मैं,

यही प्रार्थना थी ईश्वर से

यही वरदान शायद मैंने ईश्वर से पाया।

मेरे हर दर्द पर भारी पड़ा हौसला मेरा,

जिंदगी में हौसलों की उड़ान भर 

एक नया आकाश पाया।

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Comments

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  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    प्रेरणादायक??

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