बारिश

बारिश

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 09 Jul, 2022 | 1 min read

ये बारिश का मौसम,ये गिरती बूँदें

ये अश्कों का नयनों से गिरना,

बेचैनियों का दिल पर है हावी होना,

और ये मन में उठती हुई

अनजानी सी तड़प।

कौन कहता है बारिश दिलों पर लगे हर

गर्द को धो देती है।


ये किसानों के आँखों में आस की चमक,

खेतों में लहलहाते विश्वास की चमक,

धरती की प्यास का बुझ जाना,

हरियाली पसरे चारों तरफ 

और आह्लादित हो जाये मन,

हर तरफ उठती रहे उमंग की तरंग

ये बारिश मन को शीतल कर देती है।


ये सूखते जलस्रोतों का फिर से भरना,

कही अतिवृष्टि से होती है परेशानी,

कही अनावृष्टि से परेशान हो हर कोना,

कही पशु पक्षियों का नभ की

ओर उम्मीद से निहारना।

कभी काले बादलों का गरज के संग

संदेश सुनाना।

ये बिजली की चमक,ये बादलों की गरज

ये टप टप की बूंदें

संगीत सी धुन सुनाकर मिश्री घोल

देती है।


ये मेंढकों की टर्र टर्र 

ये झींगुर की झंकार,

कही मोरों का नृत्य

कही हर जगह छा जाए बहार,

कही दूर खेतों में गीत गाती हुई औरतें,

घुटनो तक साड़ी को फेंटे,

बिचड़े को बोती हुई

भविष्य की उम्मीद में चमक संग

खुश हो लेती है।


ये बारिश मन पर धुली हुई दर्द को

आँसूओं संग बहाकर खुशियां सजो लेती है।

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Ruchika Rai

ruchikarai

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