तुम

तुमसे जुड़े जज्बात

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 09 Jan, 2022 | 1 min read

न जाने कब कैसे तुझसे मेरे जज्बात जुड़े

नही चाहा था कभी दिल किसी ओर मुड़े

पर ये अचानक से क्या हुआ दिल संग,

तेरी चाहत के रंगों से हम सँवरे निखरे।


तुझसे जाने अनजाने कितनी बातें हुईं,

बातों का सिलसिला चला और रातें हुई,

तुमसे बात कर दिल को मेरे करार आया,

भले ही न कभी कोई भी मुलाकातें हुई।


मेरी बातों को चुपचाप तेरा सदा सुनना,

सही क्या गलत क्या यह नही चुनना,

मेरे जख्म पर सदा ही मरहम बन जाना,

मेरी हर छोटी बड़ी बातों का रोज गुनना।


नही कोई तुमसे जुड़ा है कोई रिश्ता नाता,

फिर भी मेरे दर्द को बस तू ही समझ पाता,

तुमसे बातों से ही दर्द हो जाता कम है,

गीत प्रेम के मेरे लिए सदा ही तुम गाता।


कोई पूछेगा तेरे बारे मे तो बस यह कहूँगी,

रब की नेमत हैं उससे जुड़कर खुश रहूँगी,

बस सदा ही तुम याद रखना मेरी जजबातेँ

इसके अलावा नही कुछ तुमसे चाहूँगी।

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Ruchika Rai

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