सपनों की गहराई

सपना

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 22 Jun, 2022 | 0 mins read

चाहत जितनी उतनी है सपनों की गहराई,

छूना चाहे ये मन सफलता की हर ऊँचाई,

बड़े बड़े तूफानों को हँसकर पार करें वो,

दिल ही दिल में न जाने कितनी है तन्हाई।


सपनों की गहराई मापे मन के भाव अपार,

यह हमको बतलाये भाव नही व्यापार,

सपने में ही भावों के सुखद परिणाम दिखे,

सपनों की दुनिया में नही नफरत बस प्यार।


सपनों की गहराई में खोकर खुद को जाना,

क्या क्या अधूरी ख्वाहिशें इसको पहचाना,

सपना हकीकत से रूबरू करवाता है सदा,

सपने की गहराई से ही हुए कर्म से दो चार।


सपनों की गहराई अतृप्त इच्छाओं तक जाने,

कैसे पूरे होंगे ये इसका मार्ग सदा ही पहचाने,

विचारों को उच्च रखें सदा प्रयासरत्त रहना है,

सपनों को पूरा करने को संकल्प मन में ठाने।

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Ruchika Rai

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