आसरा

खुदा से बड़ा कोई नही आसरा

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 23 Feb, 2021 | 0 mins read

जिंदगी में आसरे की चाहत जब जब बनी,

जिंदगी से खुशियों की तब तब है ठनी।

आसरे की चाहत में दिल ये मासूम मेरा,

खो बैठा जो भी खुशियाँ साथ थी हरपल रही।

सिलसिला ये दिल का क्या अजीब था मेरे,

पास मेरे था वो रास नही आ रहा था मुझे।

थी बेचैनी पाने की जो न था मुकद्दर मेरा,

बस इसी आस में चोट खा रहा था दिल मेरा।

अब तो जिंदगी से ये सबक हमको है मिला,

पास जो है उसको स्वीकार कर करूँ शुक्रिया।

अब न किसी आसरे की तलाश हो मुझे कभी,

ईश्वर से बड़ा आसरा कहाँ है जरा मुझको बता।

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