मित्रता

मित्रता

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 Jul, 2022 | 0 mins read

जीवन का शृंगार है ,बिन मौसम बहार है,

अँधेरे में प्रकाश भी,प्यार कभी रार है।


नाउम्मीदी में उम्मीद की किरण है तो,

जरूरत में सदा ही मदद को तैयार है।


आस विश्वास भी मुश्किलों में प्रयास है,

जीवन का सदा ही लगता ये सार है।


होली का रंग ये दीवाली की रोशनी ये,

इस तरह सूने जीवन में यह त्योहार है।


मित्रता सम्बल संग हमारा आत्मबल है,

इस पर जीवन में रहता अधिकार है।


परीक्षा संग में दें इसके सारे ही जीवन के,

जीत की खुशी में या फिर सदा हार है।


माँ की ममता दें पिता का अनुशासन भी,

भाई बहन के जैसा ये उठाता सदा लाड है।

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