जिंदगी

जिंदगी

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 19 Mar, 2021 | 0 mins read

हर तकलीफ से उबर कर फिर खड़ी होती रही,

जिंदगी तेरे दिए हर जख्म मैं सहती रही,

उफ्फ हाय करके कभी गुजारा न हुआ मुझसे,

तेरे हर चोट पर भी मैं मुस्कुराती रही।


जिंदगी में इतने दर्द ये सोचा नही था,

पर हर दर्द से मुझको नही गिला था,

अफसोस बस इस बात का सालता रहा,

अपनों का दूर होना ये क्या सजा था।


बड़े फख्र से जिसको मैंने अपना बनाया,

जमाने के साथ उसको रंग बदलता पाया,

खोजती रह गयी मेरी क्या कमी थी,

पर अगर गलती भी थी तो क्या रिश्तों से बड़ी थी।


चलो जिंदगी चलने का नाम है चलती रही,

दिल में बेचैनी थी मचलती रही,

अब तो बस यही सबक सीखा जिंदगी से,

मंजिल से पहले जिंदगी थमती कभी नही।


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Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    सुंदर सृजन

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