है सदा हम सबकी बनी पहचान,
हिंदी हिन्द हिंदुस्तान।
इसकी गौरवमयी कहानी है,
हम सबकी चढ़ी जुबानी है,
गर्व से हम इसको अपनाये,
यह हिंदुस्तान की निशानी है।
व्याकरण इसका समृद्ध है,
शब्दकोश इसका दृढ़ है,
मुहावरे लोकोक्तियों से सजी है,
साहित्य इसका प्रसिद्ध है।
बोलचाल की ये भाषा है,
पूरी करती अभिलाषा है,
सीखने में सरल है ये,
नही कठिन परिभाषा है।
कबीर जायसी तुलसी से
सुर रहीम बिहारी तक
भारतेंदु पंत निराला हो
या महादेवी की गाथा है।
भाव प्रदर्शन में सशक्त है,
नही दिखती कभी अशक्त है,
कई भाषाओं को अपनाती ये
ये स्वयं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
आओ हिंदी को पहचान दिलाएं,
जन जन तक इसको पहुँचाये,
नही शर्म हो इसे अपनाने में,
इसके उन्नति के लिए कदम उठाएं।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.