बस काफ़ी हुआ

बस काफी हुआ

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 24 Jan, 2023 | 1 min read

मेरी भावनाओं को तुम्हारा तमाशा बनाना,

मेरे भरोसे को बार बार तुम्हारा आजमाना,

मेरे प्रेम का सदा तुम्हारा माखौल बनाना,

अब और नही बस,काफी हो गया है 

मुझे कमजोर करने की जुगत लगाना।


मेरी कमजोरियों को सरेआम बतलाना,

अपने एहसानों का बार बार जतलाना,

रिश्तों को निभाने के लिए जितना ही झुकी,

हर बार उससे नीचे झुका खुश हो जाना,

अब और नही बस,काफी हो गया है

मेरे वजूद का तमाशा बनाना।

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Ruchika Rai

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