मत बाँटो इंसान को

मत बाँटो

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 03 May, 2022 | 0 mins read

एक जहां ईश्वर ने बनाया,

एक ही सूरज चमकाया,

एक समान जो हवा चली,

एक सी साँसें सबने पाया।


रक्त का रंग सभी का एक है,

रूप चाहे भले ही अनेक है,

सबकी एक जैसी है बनावट,

कार्य पूजित जो रहे नेक हैं।


प्रेम पुष्पित जीवन सुंदर,

दया सौहार्द भरे मन अंदर,

सहानुभूति का पाठ पढ़े तो,

हार कर भी बने वो सिकंदर।


धर्म बाँट दिया ,भाषा बाँटी,

बोली और पहनावा बाँटा,

खान पान और स्वाद बँटा,

मत बाँटो तुम इंसान को।

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Ruchika Rai

ruchikarai

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