मम्मी, मम्मी वह रोहन है न वह बहुत गंदा लड़का है।यह कहते हुए राज घर में घुसा।
राज के इतना कहने पर उसकी माँ बोल उठी हुआ क्या ? ये तो बताओ।ऐसे ही किसी को गंदा बोलना अच्छी बात नही है।और फिर तो वह तुम्हारा दोस्त भी है,एक ही जगह तुमलोग खेलते हो,एक ही स्कूल में पढ़ते भी हो।
राज ने गुस्साते हुए कहा कि नही मम्मी रोहन मेरा दोस्त नही है,मैं उसके साथ नही खेलूँगा और न ही उससे बात करूँगा।
राज की मम्मी बोली ठीक है ठीक है पहले शांत हो जाओ फिर बताओ हुआ क्या है ?
राज ,मम्मी मेरा एक दोस्त बता रहा था कि रोहन के पापा मोची का काम करते,झुग्गी झोपड़ी में रहते ये लोग,ये तो छात्रवृत्ति मिल गयी है तो यह हमारे साथ पढ़ रहा।
मम्मी ने बोला तो क्या हुआ तुम्हारी दोस्त रोहन के साथ है या उसकी झोपड़ी के साथ या उसके पापा के काम के साथ।
बेटा, कोई भी काम बड़ा या छोटा नही होता,अगर रोहन के पापा मेहनत करके मोची का काम करके ही अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे तो उनसे हमें सीखना चाहिए कि मेहनत कैसे करें।
और दोस्ती तो दो व्यक्तियों के बीच होती उसमें अमीरी गरीबी ऊँच नीच महल झोपड़ी ये सब नही आते।
दोस्त का अच्छा और सच्चा होना जरूरी है और रोहन तो बहुत मेहनती और मेधावी लड़का है।
दूसरों के कहने पर अपनी दोस्ती खत्म करोगे तो यह मूर्खता होगी।
गलती हो गयी मम्मी ,आगे से ध्यान रखूँगा।पहले जाकर रोहन से माफी मांगता हूँ,यह कहते हुए राज घर से बाहर निकल गया।
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