सुना था परिवर्तन ही शाश्वत सत्य है,
बाकी सब मिथ्या।
पर यकीन नही था इस पर,
भावनाओं के घनेरे जाल में उलझकर
ये पाया या महसूस किया था।
यही है सत्य है अनंतकाल तक चलने वाला।
परिवर्तन मौसम में होता,
परिवर्तन जीवन में होता,
मनुष्य के स्वभाव में भी परिवर्तन होता।
स्थिति परिस्थिति में भी परिवर्तन
संबंधों में भी परिवर्तन
हँसने गाने की वजहों में भी परिवर्तन
परिवर्तन ही शाश्वत सत्य होता।
रतजगों के गवाह बदल जाते,
दर्द में मरहम भी बदल जाते,
संवेदनाओं को महसूस करने वाले बदल जाते,
जज़्बातों को जीने वाले बदल जाते,
बदल जाते सुख दुख के साथी।
बदल जाते हौसलों और हिम्मत के सौगाती।
परिवर्तन ही शाश्वत सत्य होता।
इस परिवर्तन को स्वीकारना
उसे स्वीकार कर जिंदगी के राह पर चलना
दुश्वारियों का सामना करना,
खुशियों का जश्न मनाना
यही सब सीखना होता।
वरना दर्द की सौगातें
कुछ अनकही ,कुछ कही बातें
दिलों में दर्द को बढ़ाती।
बस परिवर्तन ही शाश्वत सत्य होता।
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