ख्वाहिश

ख़्वाहिश

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 Jan, 2022 | 1 min read

ख्वाहिशों की भी अजब सी कहानी है,

इससे ही चलती अपनी जिन्दगानी है।


एक साया सा लहराता है दिल में मेरे,

छोड़ देता वो चेहरे पर एक निशानी है।


बहुत कुछ न पाकर भी बहुत कुछ मिला,

ये तो कुदरत की मुझ पर मेहरबानी है।


ख्वाहिशों के अधूरेपन का अफ़सोस नही,

ये बातें हो गयी अब बहुत पुरानी है।


कौन समझेगा मेरे मन में पलती ख्वाहिशें,

मैंने बताया नही कभी अपनी जुबानी है।


ख्वाहिशों की लंबी फ़ेहरिस्त बना लेना,

ये तो सचमुच बहुत बड़ी नादानी है।


ख्वाहिशें न पूरी हुई तो जीने का ढंग बदले,

ये तो खुद से की जाने वाली बेईमानी है।

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Ruchika Rai

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