कृष्ण

दोहा

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 30 Aug, 2021 | 1 min read



बंशी की धुन पर सदा,मगन हुये हैं ग्वाल।

माथे पर शोभित मुकुट, घुँघराले हैं बाल।।


वासुदेव के लाल हैं,प्यारे से गोपाल।

मातु यशोदा वत्स हैं,जय कन्हैया लाल।।


गीता के है ज्ञान से,किया जगत कल्याण ।

 दूर करें छल मोह को,बढ़े सदा ही मान।


नाम जुड़ा संग राधिका,करें पाप का नाश।

मुरलीधर गोपाल की,मोहित करती रास।।


मथुरा में ले जन्म को ,गोकुल किया निवास।

दधि माखन खाते सदा,रहे रचाते रास।।

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Ruchika Rai

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