क्यों

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 16 Apr, 2022 | 1 min read

क्यों पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो जाते विचार

और उन विचारों से होता मूल्यांकन,

उन मूल्यांकन से तकलीफें बढ़ती,

और नियति बन जाती बिखराव।


क्यों पूर्वधारणाओं से प्रभावित होते

वर्तमान के हर व्यवहार,

और उन व्यवहार से टूटते और दरकते

प्रेम के सारे ख़्वाब

और मिलती हैं दर्द बेशुमार।


क्यों सब्र सहनशीलता और धैर्य की

हर जगह हो रही कमी।

क्यों खुद को श्रेष्ठतर साबित करने की

होड़ सबके अंदर बढ़ रही।

क्यों संवेदनाएं होती जा रही शून्य,

और परिणाम हो रहे दूसरे के दिलों पर

दिया जाने वाला आघात।


क्यों नही समय रहते चेत जा रहे हम,

क्यों नही पश्चाताप की अग्नि में

स्वयं जलकर हो रहे हम शुद्ध।

क्यों नही समझ पा रहे सभी की

समय बीत जाने के बाद 

रह जाएंगे हाथ रीते।

और बच जाएगा सिर्फ पछतावा और अफसोस।

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