मन की खूँटी

मन की खूंटी

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 21 May, 2023 | 0 mins read

मन की खूँटी पर टाँग दी है कुछ उम्मीदें,

कुछ चाहतें,

अपनी मौन मोहब्बतें,

ना जाने कब दरकार पड़ जाए उसकी,

न जाने कब बदल जाये जिंदगी,

और क़ब इंद्रधनुषी रंग जीवन को

रंगीन बनायें।


मन की खूंटी पर टाँग दी है कुछ जज्बात,

कुछ मन के एहसासात

कुछ अपनी कोमल भावनाएं,

ना जाने कब ये बिखर जाएं

और खोल दें दिल के राज

और बेमोल हो जाएं मेरी कल्पनाएं।


मन की खूंटी को मजबूत बनाने की

चलती रहती सारी कवायदें

हिफाज़त करने को मन के ख्यालात,

लगानी होती मन पर बाँध।

न जाने कब मन के बाँध टूट जाये

और जो मिला वह भी सरक जाएं।

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Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

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  • Firdous Khan · 11 months ago last edited 11 months ago

    Wowww bahot khubsurat rachna man ki khuunti 👏👏👏

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