हर बार

हर बार

Originally published in hi
Reactions 0
214
Ruchika Rai
Ruchika Rai 17 Jul, 2023 | 0 mins read

खुशी के चुनिंदा मौके

गम के बहाने हजार

फिर भी उलझता है ये मन

अपेक्षा उपेक्षा के ताने बाने में

और दर्द पाये हर बार।


छोटी छोटी खुशियाँ जीवन की

वक़्त की पड़ती है चौतरफा मार

दिल को दर्द होता अनेकों

खुशियों पर ग्रहण हर बार

फिर भी बहाव के साथ बहते जाना

जीवन का उद्देश्य हर बार।


जो अपने हैं उनसे ही गिला

गैरों से नही कोई शिकवा।

हर दर्द तकलीफ में जो साथ रहते

उनकी अनुपस्थिति कई बार खला।

फिर भी रूठने मनाने के संग

रिश्तों की प्रगाढ़ता रहे हर बार।


प्रेम और नफ़रत की चले जंग,

ईर्ष्या द्वेष भी रहे संग।

प्रेम को देना पड़े हर बार स्पष्टीकरण,

नफ़रतों का खुलेआम प्रदर्शन।

जीवन का यह गणित उलझाये

सुलझाने का प्रयास निरंतर हजार।


#बस_यूँही

0 likes

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.