एक ही धरा पर जन्म सभी का,
एक ही प्राण वायु सबने है पाया।
एक सी सूरज की किरणें सब पर,
एक ही वर्षा बूंदों ने तन भिंगोया।
मेरा तेरा का झगड़ा फिर क्यों है,
एक सा सबने ही जीवन पाया।
एक सी आँखों की रोशनी सबकी,
एक ही मालिक जिसने हमें बनाया।
ईश्वर,अल्लाह वाहेगुरु या यीशु कहे,
या मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे गिरिजाघर जाएं।
ऊँच नीच का चाहे कितना भी झगड़ा हो,
एक प्रभु के आगे नतमस्तक हो जाएं।
जीवन मृत्यु में उलझे हम सब,
सुख दुख हम सबके हिस्से आये।
विपदा में जब राह न सूझे,
एक ही मालिक सबको याद आये।
गीता बाइबल या कुरान पढ़े हम,
या हवन पूजन करें ,नमाज पढ़े हम।
एक मालिक की कृपा पाने को,
सबने अलग अलग राह अपनाए।
एक ही मालिक हम सबका,
जिस दिन ये बात हम समझ जाएं।
मेरा तेरा को सारा झगड़ा छोड़कर,
एक दूजे को गले लगाएं।
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