बच्चे

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 Nov, 2022 | 0 mins read

छल कपट से दूर प्रेम का व्यवहार रखें,

मॉं की ममता और बाबा का दुलार चखें

बच्चे सहज सरल निश्छल और कोमल,

पल में दुश्मन बन जाते पल में यार सखे।


छोटी छोटी बातों में भले ही कर लें तकरार,

पर दिल में सदा ही रहता उनके ढेरों प्यार,

ईर्ष्या द्वेष से दूर रहें बस हर पल को जी लें,

बच्चों के होने से आ जाये घर में बहार।


पल में कट्टी पल में बट्टी करते खूब शैतानी,

बातें इनकी सुन लो तो बन जाती है कहानी,

मस्तमौला मिजाज इनका थोड़े होते नादान,

इनकी तो दुनिया में सबसे प्यारी है नानी।


भविष्य की नींव यही,यही बनते हैं विधाता,

झूठ फरेब से दूर रहे सच्चाई से होता नाता,

जिम्मेदारी नही कोई फिर भी इतना ये जानें,

बड़ों के प्यार से ही जीवन सुंदर सदा बन जाता।


बच्चे गीली मिट्टी सदृश इनको ऐसे ढालो,

हर बुराई से दूर रहें अनुशासन में इनको पालो,

प्रेम परवाह के साथ ही इनको तुम सिखलाओ,

आज का काम आज करें नही कल पर टालो।

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