तस्वीर खींचनी है मुझे

फोटोग्राफी डे विशेष

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 20 Aug, 2021 | 0 mins read

एक तस्वीर खींचनी है मुझे,

हर इंसान के अंदर छिपे चेहरे की।

उसके अंदर की मासूमियत की।

जो वक़्त के थपेडों को सहकर,

खुद को एक आवरण में छिपाए है।

एक तस्वीर खींचनी है मुझे,

अपने अंदर के बच्चे की।

जो खिलखिलाकर हँसना चाहता है,

बेफिक्री से जीना चाहता है।

अपने अरमानों को पंख लगाकर उड़ना चाहता है।

एक तस्वीर खींचनी है मुझे इंसानियत की,

जहाँ धर्म ,जाति से ऊपर मानवता हो,

जहाँ गरीबी अमीरी ,ऊँच नीच का भेदभाव न होकर,

बस रक्त का रंग लाल हो।

एक तस्वीर खींचनी है मुझे,

जिसमें आंतरिक सुंदरता झलक जाती हो,

जहाँ मानव मन का दर्द दिख जाती हो।

ताकि उन दर्द को दूर करने का प्रयत्न कर सकूँ।

बस कुछ ऐसी ही तस्वीर खींचनी चाहती हूँ।


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Ruchika Rai

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