खेल

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Nov, 2022 | 0 mins read

जिंदगी को आप नही खेल समझिए,

जिंदगी दिलों का सदा मेल समझिए।


भावनाओं विचारों का सम्मान करें ,

मगर नही जज्बातों का जेल समझिए।


कीजिये जो अच्छा लगे वही खुशी से,

कार्यों को नही आप यूँ झेल समझिए।


मिल जाइये एक दूजे से ह्रदय से आप,

खुशियों को नही आप रखैल समझिए।


खेल में तो हार जीत लगी रहती सदा,

जिंदगी में हारकर आप नही फेल समझिए।


हम दोनों खड़े हैं एक दूसरे के कारण,

अपने रिश्तों को नही बेमेल समझिए।


अपने विचारों पर अडिग रहिये सदा ही,

नही बदले विचार इसे आप शैल समझिए।

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