धैर्य

मानव धीर धरो

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 23 Apr, 2021 | 0 mins read

धैर्य का गहना जब तक न पहना मुश्किल नही आसान हुई,

थोड़ी जो मुश्किल आ गई तो लगा जिंदगी कब्रिस्तान हुई।

पतझड़ के बाद फिर बसंत आता है जब ये समझा,

धैर्य से खुशियाँ फिर से जीवन पर हमारे मेहरबान हुई।

समय बुरा है,मुश्किल बड़ा है, जब ये समझ आया तो,

धैर्य से मुश्किलों का सामना किया और लगा मुश्किल आसान हुई।

जब जब परीक्षा की घड़ी आती है राह नही कोई नजर आती है,

धैर्य से संभाला खुद को और पाया कि मंजिल मेरे पास हुई।

माना कि इस वक्त अँधेरा घना है रास्ता नही सूझ रहा है,

पर हर अँधेरे के बाद रोशनी की किरण आस पास हुई।

चलो आज खुद के लिए ये वादा करो न घबड़ाओगे कभी,

क्योंकि काँटों में ही फूलों की असली पनाह हुई।

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Ruchika Rai

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  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    Motivational

  • Ruchika Rai · 3 years ago last edited 3 years ago

    Kumar sandeep thankyou

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