पावस ऋतु

पावस ऋतु

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 28 Jun, 2021 | 0 mins read




उमस भरी गर्मी से दिलाने को निजात,

वर्षा देखो सुबह सवेरे आई धरा पर आज।


निखरी निखरी सी धरा लगती मनभावन,

देखो नभ में छाई है काली घटा सुहावन,

पेड़ों पर भी हरीतिमा दिख रही है ऐसे,

जैसे प्रकृति का रूप लग रहा लुभावन।


चारों तरफ जलमय धरा दिख रही है,

रूप ऐसे जैसे धवल चाँदनी बिखर रही है,

पक्षियों के प्यास बुझाने के लिए आज,

जल की बूँदें मोती सम टपक रहा है।


लेकर हल किसान खेत को जा रहे हैं,

हरित धरा के लिए मनहर गीत गा रहे हैं,

खुश हैं कि धरा की प्यास बुझ जाएगी,

फिर से खेतों में फसलें खूब लहलहायेगी।


उमस भरी गर्मी से दिलाने को निजात,

वर्षा देखो सुबह सवेरे आई धरा पर आज।




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