जिम्मेदारी और सपना

जिम्मेदारी और सपना

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 379
Ruchika Rai
Ruchika Rai 26 Feb, 2022 | 1 min read

एक तरफ जिम्मेदारियों की अभेद्य दीवार,

दूसरी तरफ कल्पनाओं का अद्भुत संसार,

खींच जाता है मन दोनों तरफ ही मेरा,

जीवन लगता है सदा ही पड़ा बीच मँझधार।


जिम्मेदारियों से विमुख होना नही सीखा कभी,

अपने सपनों को जीऊँ कैसे बताओ सभी,

खुद के सपनों को जीना और मगन होना,

ये भी एक जिम्मेदारी किसी ने न बताया तभी।


अंतर्मन ने मुझे सिखाया सदा ही गुण,

वक्त का कर प्रबंधन और चल अपने धुन,

आत्ममंथन आत्मपोषण दोनों ही जरूरी है,

बिना इसके जिम्मेदारियों को कैसे कर सकते पूर्ण।


हो मन में जब कुछ कर गुजरने की प्रबल चाह,

जिम्मेदारी और स्वप्न दोनों के लिए मिलेगी राह,

राह बनाने के लिए धैर्य से करो जब तुम प्रयत्न,

दिल ही तुम्हारा कहेगा राहें मिल गयी वाह।

0 likes

Support Ruchika Rai

Please login to support the author.

Published By

Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.