परिणाम

परिणाम

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 18 Oct, 2021 | 0 mins read

परिणाम की चिंता में व्यथित और व्यग्र मन,

क्यों नही बस ध्यान कर्म पर लगाता है।


कर्म प्रधान इस विश्व में सदा से ही सुनते आए,

जैसा कर्म करें वैसा ही परिणाम पाता है।


नेकी करके भूल जाइए बहीखाता वह बनाता है, सद्कर्मो का हिसाब कर परिणाम सही दे जाता है।


काँटों को बोकर फूल की आस है क्योंकर,

काँटों की चुभन ही हमारी कमियों को बताता है।


जगत सारा मिथ्या समझता रहता आपको,

जब तक आपके कर्मों का परिणाम नजर नही आता है।


परिणाम अच्छा आये किसी कर्म का तो यह उत्तम है,

क्योंकि सफल परिणाम मन में जोश जगाता है।


असफलता अगर परिणाम बनकर आये कभी तो,

यह जीवन में एक नया अनुभव दे जाता है।

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Ruchika Rai

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