रोना आया

हालात पर रोना आया

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 May, 2023 | 1 min read

कभी खुद पर कभी हालात पर रोना आया,

बात निकली तो हर बात पर रोना आया।


जिसके संग वफ़ा निभायी ताउम्र हमने यारों,

उसके बदले हुए ख़यालात पर रोना आया।


जो अपना कहकर भी अपना न हुए मेरे,

उनके लिए स्वयं के जज़्बात पर रोना आया।


जिनसे नही थी इस जीवन में मिलने की आस,

उनके संग अपनी मुलाकात पर रोना आया।


अपने बनकर जो ताउम्र दगा करते रहें मुझसे,

उनसे मिलने वाले हर घात पर रोना आया।


जीवन में सदा ही रोशनी की कमी रही मेरे,

अंधेरों से उबरने के लिए हर रात पर रोना आया।


हम अपनों के लिए हार कर भी खुश रहें सदा,

अनुभव ले जीवन के हर मात पर रोना आया।

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