आज भी तलाश है मुझे एक जिंदगी की
जहाँ प्रश्न और उत्तर की प्रतीक्षा न हो।
जीने का जो हुनर हम आजमाते हैं
उस हुनर के लिए कोई निर्णय और समीक्षा न हो।
न कोई साथ दे तो कोई बात नही,
पर अकेले चलने पर कोई घात नही हो।
विश्वास न कर सके तो यह सवाल न उठे,
विश्वासघात शब्द का कोई वास्ता न हो।
मेरे दर्द पर कोई मरहम न लगा सके तो क्या,
नमक डालने का कोई तजुर्बा न हो।
आज भी तलाश है मुझे एक जिंदगी की
जहाँ सुकून और अमन का पहरा रहे।
आँसूओं की लाखों वजह के बीच ही सदा,
मुस्कुराने की वजह बड़ी ही गहरी रहे।
आज भी तलाश है मुझे एक जिंदगी की,
जिसमें जिंदगी का मुकाम जिंदगानी से बड़ा गहरा रहे।
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