रिश्ता पद का

ये कैसा रिश्ता

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 14 Apr, 2021 | 1 min read



रीमा अपनी माँ के साथ दूर के रिश्तेदार के घर शादी में आई थी।बीमार होने के कारण माँ उसे घर पर अकेले छोड़कर जा नही सकती थी और रिश्तेदारों ने उसे भी बड़ा अनुरोध किया था कि रीमा तुम भी जरूर आना,तुम्हें कोई दिक्कत नही होगी।

वह एक ऐसी बीमारी से ग्रस्त थी कि उसकी हाथ पैर की सारी अंगुलियाँ टेढ़ी हो चुकी थी,शरीर भी विकलांगता के कारण अच्छा नही दिखता था,कुल मिलाकर यह कहा जाय कि उसकी बह्य बनावट बेढब लगती थी।

लेकिन उसके स्वभाव के कारण वह सबों की प्रिय थी,उसकी जिंदादिली हँसमुख व्यवहार उसे कभी एहसास नही होने देते थे कि वह अक्षम है।

किसी किसी की बातें बेचारगी भरे शब्द जो उसके कानों में पड़ते तो वह झटक कर आगे बढ़ जाती,परंतु वह भी तो हाड़ मांस की बनी थी तकलीफ उसे भी होती थी।लेकिन हर तकलीफ से ऊपर वह खुश रहती थी कि उसके परिवार का भरपूर साथ था।

शादी विवाह का घर रिश्तेदारों का मेला लगा था,जहाँ सबका काम कोरी गप्पबाजी ही होता।एक झुंड में वह भी बैठी थी सबकी बातें सुन रही थी और मजे ले रही थी।

परंतु उसने ध्यान दिया कि एक करीबी रिश्तेदार काफी सुंदर थी,जो रिश्ते में चाची लगती थी उससे कन्नी काट रही थी।

उसने भी बात करने की कोशिश नही की।

तभी घर की मालकिन ने कहा कि रीमा आपलोग रुक जाओ दो दिन बाद आराम से जाना।

तब रीमा ने कहा सम्भव नही,अभी तो उसकी छुट्टियां खत्म होने वाली,अगर बाद में कुछ जरूरत पड़ गयी तो दिक्कत होगी।

जैसे ही रीमा ने ये बात कही उसकी वो रिश्तेदार जो उससे कन्नी काट रही थी,बगल में बैठी एक औरत से पूछ बैठी ,

ये रीमा नौकरी करती है क्या?

उन्होंने कहा कि हाँ पढ़ाती है।

रिश्तेदार-प्राइवेट स्कूल में

औरत-नही सरकारी स्कूल में,बहुत प्रतिभावान है,कविताएँ भी लिखती है।।

रिश्तेदार रीमा का मुँह देखने लगी,और फिर उसके बगल में आकर पूछने लगी कहाँ पढ़ाती,क्या पढ़ाती,कितना पढ़ी वगैरह वगैरह......।

और रीमा यह सोचने पर मजबूर थी कि उनका रिश्ता उससे है या उसकी नौकरी से।



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Ruchika Rai

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