छठ पूजा

छठ पूजा

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 31 Oct, 2022 | 1 min read

लोकआस्था और भक्ति भाव लेकर ह्रदय में,

विश्वास और समर्पण लेकर हर मन में,

ऊँच नीच,अमीर गरीब का भेद भुलाकर,

जाति-पाँति को छोड़ सब संग चल पड़े

साधना का अर्घ्य देने भगवान भुवन भाष्कर को।


दुनिया आगे बढ़ने वाले को ही पूजती,

पर पीछे छूट चुके उनको भी सम्मान देना।

उगते सूर्य के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर,

संदेश यह जन जन को पहुँचाती।

सम्मान सबका बराबर चाहे उन्नति या अवनति पर हो,

भावना का अर्घ्य देने चल पड़े भगवान भुवन भाष्कर को।


दूर जो अपनों से होकर रह रहे,

उनको है पास लाना,जड़ों से है जुड़ना सीखाना।

है उपेक्षित जो कंद मूल फल,

उनको है प्रसाद रूप में चढ़ाना।

उपेक्षितों को भी सदा आगे बढ़ाए,संदेश है यह

लेकर इसको चल पड़े हैं कामना का अर्घ्य देने।


स्वस्थ और मंगलमय जीवन हो सबका,

रोग भय से मुक्त होकर रहे सभी,

आस्था का दीप जलाकर गीत मंगल गुनगुनाते

चल पड़े हैं या सभी

आस्था का अर्घ्य देने भगवान भुवन भाष्कर को।


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