वीर कुँवर सिंह

वीर कुँवर सिंह

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 17 Aug, 2022 | 0 mins read

बूढ़ी हड्डियों में जोश नया,

वह दम खम धरने वाला था।

सन 1857 की क्रांति का पुरोधा

वीर कुँवर सिंह मर्दाना था।


स्वतंत्रता का प्रथम आंदोलन,

ईस्ट इंडिया का था शासन,

जगदीशपुर रियासत का शासक,

अंग्रेजी हुकूमत को दिखाया दम खम।


युद्ध के लिए शिवाजी की छापेमारी नीति अपनाया

गुरिल्ला नीति से अंग्रेजों के छक्के छुड़वाया,

जगदीशपुर के किले से यूनियन जैक को हटाकर,

अपने रियासत का है ध्वज लहराया।


अंग्रेजी हुकूमत के संग युद्ध में

जब गोली लगी उनके बाजू में।

स्वयं ही बाजू काटकर गंगा में प्रवाहित किया,

फिर दिखाया अपने पराक्रम को युद्ध में।


उम्र अस्सी वर्ष थी पर जोश अठारह का था,

देश प्रेम उनके रक्त के हरेक कण कण में था,

अंग्रेजों के रियासत पर अधिकार करने की साजिश को,

खत्म किया उन्होंने और नेतृत्व का गुण मन में था।


आज उस क्रांति के पुरोधा को हम ,

शत शत बार नमन करते हैं।

भारत की वीरता का डर पैदा किया जिसने,

अंग्रेजी हुकूमत के मन में था।

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