माँ रखती है गर्भ में नौ माह
सहती है पीड़ा।
अपने संतानों के लिए प्रार्थना,
बन जाये वो हीरा।
निर्जला व्रत रखकर अरदास
वह करती है।
संकट न रहे कोई बिनती वह
सदा करती है।
सुख समृद्धि रहे जीवन में
बस यही है कामना।
उनकी संतान रहे खुशहाल,
मुसीबत का न हो सामना।
उनकी खुशियों के लिये अपनी
खुशी होम करती है।
उनके जीवन में क्लेश न हो
मौन वह रहती है।
जीवित रहे संतान उनकी
लंबी हो आयु।
उनके हिस्से की भी ख़ुशियाँ मिले
वह रहे सदा चिरायु।
धैर्य ,सहनशीलता सीखें उनसे
बस यही है प्रार्थना।
उनकी छत्रछाया में जीवन बढ़े,
यही सच्ची रहे साधना।
सभी माँ को जीवित्पुत्रिका पर्व की शुभकामनाएं
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