सफेदपोशी की ओढ़कर चादर,
गुनाह जो किया करते हैं।
क्षणिक स्वार्थ की पूर्ति हेतु,
जो दूसरों को बदनाम किया करते हैं।
चलो उनके बुझे दिमागों में अलख जगाये,
सोते हुए को हम जगाये।
देश को बचाने के लिए उनके मन से
स्वार्थ की भावना को हटाएं।
सत्ता लोलुपता में लगे हुए हैं जो राजनीतिक दल,
झूठ ,फरेब में उलझाकर लोगों को
लूटते रहते हरदम।
जाति-पाँति में उलझाकर सबको
बाँटते रहते हरदम हरपल।
चलो उनको हम सबक सिखायेंगे।
जाति पाँति से ऊपर उठकर
हम वोट दें और एक देशहित की सरकार बनाएं।
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