खुशहाली

खुशहाली

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 29 May, 2021 | 0 mins read



मन हो जब तब छा जाती है खुशहाली,

दिल में उमंग तो हर दिन मनती दीवाली।


वर्षा की बूँदें जब गिरती तपती धरा गुपर,

पेड़ पौधों खेतों में छा जाती है हरियाली।


वर्षा के संग बहती हुई हवा ये पुरवाई,

जैसे कोई सजनी चले धुन में मतवाली।


धन तो सबके पास होता है देखा अक्सर,

पर हर कोई नही बनता है जिगरवाली।


बागों में फूल खिले जो मन को हैं भाये,

उन फूलों की हिफाज़त करता वनमाली।


जीवन सफल सुखद बन जाता कभी है,

जब मिल जाये कोई अपनी दिलवाली।


रोशन चेहरे को देख मन खुश हो जाता,

तब छा जाती है घर में सदा खुशहाली

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Ruchika Rai

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