बड़ों का साया

बड़ों का साया

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 Sep, 2021 | 1 min read

बड़ों का छाया आशीर्वाद सम होता है,

इसके बिना जीवन सदा विषम होता है,

वट वृक्ष समान घनी छाँव तले सदा ही,

हम सबका जीवन सफल होता है।


बड़ों का साया जैसे रेगिस्तान में सोता,

उनका रिश्ता हमारे लिए बने अनोखा,

उनके अनुभव से सदा ही हम सब

जीवन रण में बनते हैं हम विजेता।


बड़ों के आशीर्वाद तले सदा हम जीयें,

जहर जिंदगी के हँसकर हम पीयें,

जीवन बनता है मधु सदृश सदा ही,

ज़ख्म जिंदगी के हम सब सदा ही सिये।


बड़ों का साया कठिनाइयों में बने संबल,

उसके बिना बनते हम दुर्बल,

पथ प्रदर्शक बनकर सदा ही मार्ग दिखाते

वही हमारे लिए बनते सदा अवलंबन।

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