सुना है इजहारे इश्क का आज दिन है,
स्वयं से इश्क बिना कहाँ किसी ओर
से ये इश्क मुमकिन है।
आज एक वादा किया मैंने खुद से
इश्क कुछ इस तरह स्वयं से कर जायेंगे
हर हाल में खुश रहेंगे
और जिंदगी को इश्क करना सिखायेंगे।
आज इज़हार करेंगे इश्क का
अपने जन्मदाता माँ और पिता से।
उनके इश्क के बिना कहाँ वजूद है
मेरे इस अस्तित्व का।
उनसे इश्क को अपना आत्मबल बनायेंगे,
कुछ इस तरह इश्क का इजहार कर जायेंगे।
आज इश्क का इजहार करेंगे
उन खास दोस्तों से,
जिन्होंने हर हाल में मुझे समझा,
मेरे रोने पर आँसू पोंछे,
मेरे खुशी में ठहाके लगाये।
इस तरह इश्क के उस पन्ने पर नाम लिखवाएंगे,
जहाँ दोस्ती रब और दोस्त नेमत
जाने जायेंगे।
आज इश्क का इजहार करेंगे उनसे
जिनसे मेरे दिल के तार जुड़े।
पास नही फिर भी
जिनके संग प्रेम के फूल खिले।
कितना खास वो हमारे जीवन में
ये आज हम उन्हें बतायेंगे।
इस तरह आज इजहारे इश्क हम कर जाएंगे।
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