पथिक

पथिक

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 20 Oct, 2022 | 0 mins read

मैं पथिक मेरे रास्ते हैं जुदा,

मंजिल है जुदा, मंजिल की किसे खबर

मंजिल का क्या पता

मैं पथिक मेरे संघर्षों की अनेकों दास्तान।

राह में शूल कितने चुभे,

रोड़े कितने ही मिले,

कदम डगमगाये अनेकों बार

फिर स्वयं ही संभलकर चलते ही हम रहे।

मैं पथिक मेरे एहसासों का किसे पता

मंजिल तक पहुँचने के रास्ते बने खुशनुमा।

अनेकों राही मिले,

दिलों में मुहब्बत के फूल खिले,

कोई साथ बनकर चला,

कोई पीछे छूट गया।

मंजिल तक पहुँचने का लक्ष्य

और मंजिल तक पहुँचकर लक्ष्य प्राप्ति

की खुशी ह्रदय को है मिला।

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Ruchika Rai

ruchikarai

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • S · 2 years ago last edited 2 years ago

    ??❤️

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