वक़्त

वक़्त

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 01 Jul, 2021 | 0 mins read



वक़्त की हर चोट से वक़्त ने ही उबारा,

खुशी और गम में वक़्त ने दिया सहारा,

सही गलत के खेल में उलझे जब तलक,

वक़्त ने इस उलझन से हमें है निकाला।


वक़्त ही हर ज़ख्म का मरहम बनता,

वक़्त ही सदा गीतों का सरगम बनता,

वक़्त के साथ जो चले सदा सर्वदा ,

वक़्त ही साथ देने का हमदम बनता।


वक़्त से बड़ा कोई साथी नही मिलता,

वक़्त सही तो खुशियों के फूल खिलता,

वक़्त बीच मँझधार से हमको है उबारे,

वक़्त के संग ही दिन सुहावन बनता।


वक़्त ही हमको है सबक दे जाती,

सही गलत के राह से हमको बचाती,

वक़्त ही अपने पराये का पहचान कराती

वक़्त ही जिंदगी जीना हमें सीखाती।



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