माँ की जगह कहां कोई ले पाता है

माँ की जगह कोई भी नहीं ले पाता माँ तो बस माँ ही होती है।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 10 May, 2021 | 0 mins read



पावन चरणों में जिसके हर कोई शीश झुकाता है।

जननी विधाता दुखहरिणी नाम से जाना जाता है।।

माँ ही है वो जिसका ऋण कोई ना चुका पाता है।

क्या कोई और कभी भी मां की जगह ले पाता है।।


ममता आशिष हमारे लिए मां की जुबां पर आता है।

मंदिर,मस्जिद सब माँ, जहां चरणों में शीश झुकाता है।।

दुनिया तुमसे ही तो है माँ, बरबस नैन भर जाता है।

याद जब भी आती तेरी अब कहां चैन फिर आता है।।


तपती धूप या ठंड की रात,याद सब कुछ आता है।

दुलार तेरा, वह प्यार तेरा कहां अब मिल पाता है।।

मुश्किल घड़ी, वक्त बुरा, सब कुछ हाथ विधाता है।

सामने पाऊं तुम्हें मां,फिर आस अब दिल रखता है।।

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