तब तुम मेरे पास आना प्रिय

प्रेम का कोई अंत नहीं बस एहसास जरूरी है

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 13 Oct, 2020 | 1 min read



अंतर्मन की लहरें पग पग उठने लगे

यौवन भी जब पल-पल महकने लगे

प्यार के फूल कलियाँ जब खिलने लगे

   तब तुम मेरे पास आना प्रिये


सुरमई सांझ भी जब मुस्कुराने लगे

शिकवा ना करो मुझे लगा लो गले

हर घड़ी याद ऐसी जब सताने लगे

   तब तुम मेरे पास आना प्रिये


इश्क के समंदर में हम खो जाएंगे

इश्क क्या चीज है फिर बतलाएँगे

सुने जीवन में कलियाँ खिल जाने लगे

    तब तुम मेरे पास आना प्रिये


सच कहता हूँ मैं हर वादा निभाऊँगा

काली रातों को भी तेरे में सजाऊँगा

यादों का काफिला जब मचलने लगे 

   तब तुम मेरे पास आना प्रिये

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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    भावपूर्ण रचना

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